कहने को है यहाँ सब कुछ तू भी है हवा भी है, समाँ भी है यहीं कहने को है यहाँ सब कुछ तू भी है हवा भी है, समाँ भी है यहीं फिर क्यूँ खाली लगे ज़मीं? फिर क्यूँ लगे; ख़ाबों के गलियारे किनारे हुए क्यूँ आओ ना तुम फ़िर से, दिल ये पुकारे क्यूँ? मंज़र नया है, खामोशी भी कहने लगे है यूँ आओ ना तुम फ़िर से, दिल ये पुकारे क्यूँ? ♪ बेख़बर हो इतने या वक़्त की ख़बर नहीं? लापता हो ख़ुद में के शब्द की समझ नहीं फिर क्यूँ खाली लगे ज़मीं? फिर क्यूँ लगे; ख़ाबों के गलियारे किनारे हुए क्यूँ आओ ना तुम फ़िर से, दिल ये पुकारे क्यूँ? मंज़र नया है, खामोशी भी कहने लगे है यूँ आओ ना तुम फ़िर से, दिल ये पुकारे क्यूँ?