दुनिया में जब आया कैसा दिन था वो जाने कहा से आया किस्से मैं पूछूं ऐसे ना देखो मुझको पागल थोड़ा हूँ पर दिल मेरा अभी भी धड़कें यह जब भी गाता है अपने लिए अकेला यह पर मनाता है सालगिरह उन् लम्हों की सालगिरह दुःख दर्दों की यह कहानियां है जो मेरी मेरी ही रहेंगी पर बातें यह कहता हूँ जो तेरे दिल को लगेंगी क्युकी मैं भी तो था एक दिन तेरे ही जैसे बस यूँही हम दोनों गए मिल और शायद तेरा भी दिल गाता है अपने लिए अकेला यह पर मनाता है सालगिरह उन् लम्हों की सालगिरह दुःख दर्दों की क्या सिर्फ मैं ही हूँ? तू भी तो है वो भी है सभी तो खोएं हुए हैं यहाँ पे! तो फिर क्या चाहता है यह दिल? किसे चाहता है? पता नहीं शायद शायद बस इतना चाहता है कि कोई पास आये हाथ थामे और बस इतना कहदे कि तू अकेला नहीं है