गुज़रा जो दिन बिन देखे तुझे वोह रात मैं सोता नहीं मेरे होंठों पे तेरे होंठों की रह सी जाती थी जो कमी याद है जब देखने तुझे मरता मैं याद है जब तेरे लिए लड़ता मैं गुज़र गए है वोह दिन अब कहीं और दिल में बात यह रह गई अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है जीता था अतीत में गाता अब यह गीत मैं जब तक रखे प्रीत यह रीत हैं इस बात पर ढीट मैं काफिरों में शातिर हूँ यह सपनों का कातिल हूँ मैं अरमाँ जो थे बादलों में लिपटें पड़े चादरों में खोया रहता ख़यालों में कहदूँ बातें इशारों से चूकें हुएँ निशानों से बुनता जहाँ अरमानों में दिल बस बतादे वोह मंज़िल दिखादे जो बदले यह इरादें अब सिर्फ बच गयीं हैं - यादें संभाल के रखी तेरी जो वोही किनारा इस दर्या का पर डूबूँगा मैं फिर से नहीं डर है मुझको उन् लहरों का याद है जब देखने तुझे मरता मैं याद है जब तेरे लिए लड़ता मैं गुज़र गए है वोह दिन अब कहीं और दिल में बात यह रह गई अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है अकेले ही मरना है