गहरा, होने दो उसमें, खोने दो गहरा, पीने दो उसमें, सोने दो डूबा मैं, उस जगह रात की, हुई सुबह जाना मैं, तेरा नशा माना मैं, तेरा कहा सावरिये, ना तू डरिये कोई भी जो बोले, ना तू करिये लहर ये, जा तू चढ़िये अपना ही देखा अब तरिये सावरिये, ना तू डरिये कोई भी जो बोले, ना तू करिये लहर ये, जा तू चढ़िये अपना ही देखा अब तरिये सावरिये, ना तू डरिये कोई भी जो बोले, ना तू करिये लहर ये, जा तू चढ़िये अपना ही देखा अब तरिये गहरा, पोहोंचा मैं उसमें, बस गया गहरी, ये दुनिया तुझमें, मैं थम गया सावरिये, ना तू डरिये कोई भी जो बोले, ना तू करिये लहर ये, जा तू चढ़िये अपना ही देखा अब तरिये सावरिये, ना तू डरिये कोई भी जो बोले, ना तू करिये लहर ये, जा तू चढ़िये अपना ही देखा अब तरिये