मैंने जाना, मुझ में तू है मैंने जाना, मुझ में तू है दिल है नादाँ, कैसे अब कहें? तेरे आस-पास दिन सारा ना जाना, कब मैं दिल हारा थोड़ा सा तूने बहकाया बहलाया, दिल को सहलाया मैंने जाना, मुझ में तू है दिल है नादाँ, कैसे अब कहें? ♪ जब से मिली तुझ को, देखा नया रंग है यारी सी है ज़्यादा, प्यार से कम है Mmm, ग़ुटर-ग़ूँ में छुपा पहला-पहला इश्क़ है इस से ज़्यादा कैसे कहूँ मैं? हाँ, इंतज़ार मुझ को भी है तेरे आस-पास दिन सारा ना जाना, कब मैं दिल हारा थोड़ा सा तूने बहकाया बहलाया, दिल को सहलाया मैंने जाना, मुझ में तू है दिल है नादाँ, कैसे अब कहें?