कभी-कभी सितारे, सितारे, दिखे ना सितारे कभी-कभी सितारे, सितारे, छिपे हैं सितारे या नज़रिये के बादल से, या तो कोहरे के आँचल से पर मन में झिलमिल करते, ये सितारे टिम-टिम करते टूटने पे भी औरों की रात में रोशनी भरते गर्दिशों की हलचल सहके फ़िर भी ये टिम-टिम करते कभी-कभी सितारे, सितारे, दिखे ना सितारे भीड़ में जो सितारे, सितारे, गुम हैं सारे ♪ तारे हैं मछलियाँ सागर अगर ये आसमाँ क्या है आगे, बिना जाने अँधेरे में दीवाने गुमनामियों में तैरते और मौज ये छिड़कते कभी-कभी सितारे, सितारे, दिखे ना सितारे ढूँढ लो वो सितारे, सितारे, छिपे हैं जो सितारे ♪ मनचले ये रोशनी के एक ज़र्रे को बस हैं तरसते मनचले ये रोशनी के एक छींटे को बस हैं तरसते कभी-कभी सितारे, सितारे, दिखे ना सितारे भीड़ में जो सितारे, सितारे, गुम हैं सारे (कभी-कभी सितारे) मनचले ये रोशनी के एक ज़र्रे को बस हैं तरसते मनचले ये रोशनी के एक छींटे को बस हैं तरसते