कुछ तो नया है आसमाँ, चारों तरफ़ मेरा आशियाँ इन बादलों में देखा तुझे, कि तू है वो ख़्वाब मेरा पैरों तले लहरों सा, इक पल में १०० लम्हों सा सहमे मेरे साज़ों में रहता है इक राज़ सा कहना क्या है ज़रूरी, चेहरे पे सब लिखा खोना जाए यूँ ही, फिर सब था ख़्वाह-मख़ाह फिरता है मन ये रोज़, रोज़, रोज़ हो बेहोशी में ही अब तो ख़्वाबों का शोर रोज़, रोज़ ना ख़ामोशी रही कुछ तो नया है आसमाँ, चारों तरफ़ मेरा आशियाँ ♪ लम्हा भर यादें लेके हम भागे मन से मन को चाहे खोया-खोया लगे क्यूँ, सब है तो यहीं भागे जाए ज़माना, पर मैं हूँ यहीं यूँ तो रस्ता पुराना क्यूँ लगे अजनबी? रहना चाहे यहीं हम फ़ासलों में कहीं फिरता है मन ये रोज़, रोज़, रोज़ हो बेहोशी में ही अब तो ख़्वाबों का शोर रोज़, रोज़ ना ख़ामोशी रही कुछ तो नया है आसमाँ, चारों तरफ़ मेरा आशियाँ इन बादलों में देखा तुझे, कि तू है वो ख़्वाब मेरा