रूठा क्यूँ? फ़िरती आँखों में सूनी सी आदतों में क्या दिखा? सच क्या है मुझको ना ख़बर है ना कभी होगा पता था जो मेरा कब से मुझसे छुपता रहा तू ही बता, तू ही बता क्या है तू और क्या है तेरा पता? धीमी बातों में, आधी-आधी रातों में रूठा क्यूँ? रूठा क्यूँ? क्या ये रहमत है? या सच में क़ुर्बत है? क्या है तू? क्या है तू? ♪ (क्या है तू? क्या है तू?) ♪ (क्या है तू? क्या है तू?) ♪ बातें सारी ख़ामोशी में तड़पाती हैं बेवज़ह बनके साया तनहाई में रूलाती है बेइंतहा क्या है वजह कि आसूओं में मुझको मेरा दिखता जहां? तू ही बता क्या है तू और क्या है तेरा पता? धीमी बातों में, आधी-आधी रातों में रूठा क्यूँ? रूठा क्यूँ? क्या ये रहमत है? या सच में क़ुर्बत है? क्या है तू? क्या है तू? ♪ (क्या है तू? क्या है तू?) ♪ (क्या है तू? क्या है तू?)