जल्दबाज़ी का निर्णय एक बार बादशाह अकबर आम के बगीचे में टहल रहे थे तभी एक तीर उनके पास से गुज़रा सेवक एक लड़के को पकड़ कर लाए जिसने तीर मारा था अकबर ने उससे पूछा "तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मुझे तीर मारने की?" वह लड़का डर से काँपते हुए बोला "मैं तो आम तोड़ने की कोशिश कर रहा था ग़लती से तीर आपके पास से गुज़र गया" अकबर बोले, "यदि मैं तुम्हारे तीर से मर जाता तो? इसलिए अब तुम्हें भी आम के पेड़ से बाँधा जाएगा और तीर से मारा जाएगा" सेवक उस लड़के को पेड़ से बाँध देते हैं और तीर से मारने लगते हैं तभी बीरबल बीच में बोले, "जाहपनाह, आप इसे वैसे ही मारना चाहते हैं ना जैसे इसने तीर मारा था? तब तो तीर का निशाना आम को लगाना चाहिए ग़लती से तीर इस लड़के को लगना चाहिए" अकबर समझ जाते हैं कि जल्दबाज़ी में उन्होंने ग़लत फ़ैसला लिया है वह बीरबल का धन्यवाद करते हैं और उस लड़के को रिहा कर देते हैं