तेज़ चलने वाला घोड़ा उस समय की बात है, जब राजा बीरबल पैदल चलकर दरबार में आया करते थे जब अकबर को इस बात का पता चला तो उन्होंने अपने सेवक से कहा कि फ़ौरन बीरबल को एक सबसे तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा दिया जाए तभी अकबर के मन में बीरबल से एक मज़ाक करने की सूझी उन्होंने अपने सेवक से कहा कि जो सबसे कमज़ोर और निर्बल घोड़ा हो उसे बीरबल को दिया जाए उस निर्बल घोड़े को देखकर अकबर बीरबल से बोले कि यह घोड़ा सबसे तेज़ दौड़ता है कल तुम इसी घोड़े पर बैठकर दरबार में आना लेकिन उसी रात उस निर्बल घोड़े की मौत हो जाती है बीरबल फ़िर पैदल चलकर दरबार पहुँचता है अकबर उससे पूछते हैं कि मैंने तो तुम्हें सबसे तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा दिया था तुम उस पर क्यूँ नहीं आए? क्या तुम्हें घोड़े पर बैठने से डर लगता है? बीरबल बोले, "जाहपनाह, मैं क्या करूँ? आपने मुझे सबसे तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा दिया वह इतना तेज़ दौड़ता है कि उसने एक ही रात में धरती से स्वर्ग की दूरी को भी पार कर लिया" अकबर बीरबल की हाज़िरजवाबी से बहुत खुश हुए और उन्होंने शाही अस्तबल से एक मज़बूत और तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा मँगवाकर बीरबल को दे दिया