बीरबल की छोटी यात्रा एक बार बादशाह अकबर को अपने मंत्रियों के साथ किसी गोष्ठी के लिए आजमगढ़ जाना पड़ा आजमगढ़ आगरा से बहुत दूर था गर्मियों के दिन होने के कारण सभी सुबह जल्दी निकल गए अकबर पालकी में बैठे-बैठे थक गए उन्हें बहुत पसीना भी आ रहा था अकबर ने अपने मंत्रियों से कहा कि जल्द ही किसी छोटे रास्ते का पता लगाएँ और उसी रास्ते से चलें किसी भी मंत्री को छोटा रास्ता नहीं पता था तभी बीरबल अकबर की पालकी के पास आए और बोले कि मुझे पता है छोटा रास्ता लेकिन जब तक हम पहुँचेंगे तब तक मैं आपको एक कहानी सुनाता हूँ बीरबल अकबर की पालकी के बराबर चलते गए और कहानी सुनाते गए अकबर को कहानी बहुत रोचक लगी इसी तरह चलते-चलते आजमगढ़ आ गया अकबर बोले, "वाह बीरबल! तुमने जो रास्ता बताया वह तो बड़ा ही छोटा था, हम कितनी जल्दी पहुँच गए" बीरबल बोले, "जाहपनाह, रास्ता तो वही था मुझे कोई छोटा रास्ता नहीं पता, लेकिन आप मेरी कहानी सुनने में इतने व्यस्त थे कि आपको लंबा रास्ता भी छोटा लगा"