मेरे ख्वाबों के लुटेरों से मेरे ख्वाबों के लुटेरों से होके फ़रार मैं चला मेरे ख्वाबों के लुटेरों से होके फ़रार मैं चला इस हां-नहीं की दीवारों के अनदेखे पार मैं चला मेरे हिस्सों की, फरमाइशों नई बूंदों की नई बारिशों हैरानियों को छूने, मैं चला मुझे अब न रोके ये आसमां मुझे अब न टोके ये आसमां के दोस्ती खुद से ही कर आया हूं मैं इस दफा मेरे ख्वाबों के लुटेरों से होके फ़रार मैं चला हैं जेब में सवालों के सिक्के जितना खर्चूं, उतना पाऊं बटुए में बस दो इरादे लिए एक पाता जाऊं, एक गवांता जाऊं हर मजाल की गहराइयों हर सपने की महंगाइयों आजादियों को छूने में चला ये जहान है मुझ पे मेहरबां मेरी पहचान है मुझ पे मेहरबां कि बेरहम, खुद पे ही बन आया हूं मैं इस दफा इन रातों से सवेरों को इन रातों से सवेरों को होके तैयार मैं चला मेरे ख्वाबों के लुटेरों को दे सपने हज़ार में चला