जाना कहाँ? कौन तू? कौन मैं? आए कहाँ से, क्या पता दौड़ रहे बे-वजह क्या मतलब ज़िंदगी का? क्या ख़ुशी का रास्ता? कब मैं जिऊँगा, सोचता ये सोचता ये ज़िंदगी अनकही, अधूरी तभी तो तेरे-मेरे ये लम्हें ज़रूरी मंज़िल ना कोई तभी तो तेरे-मेरे ये लम्हें ज़रूरी थोड़ी शराब, चार यार, समाँ तैयार कहानियों की तलाश मक़्सद मोहब्बत, मेरे यार मेरे यार ये ज़िंदगी अनकही, अधूरी तभी तो तेरे-मेरे ये लम्हें ज़रूरी मंज़िल ना कोई तभी तो तेरे-मेरे ये लम्हें ज़रूरी