आरज़ू थी, हमें इतना ज़हे-क़िस्मत मिल जाए सारी दुनिया में किसी से तो मोहब्बत मिल जाए जीते जी पाया ना कुछ हमने, ज़माने वालों अब जनाज़े को तो रुख़सत की इजाज़त मिल जाए ♪ पूछ रहे हैं पूछने वाले पूछ रहे हैं पूछने वाले लेकिन हम बतलाएँ क्या? लेकिन हम बतलाएँ क्या? दाग़ ये दिल ने पाए हैं कैसे दाग़ ये दिल ने पाए हैं कैसे उनको हम समझाएँ क्या? उनको हम समझाएँ क्या? पूछ रहे हैं पूछने वाले ♪ कितने दाग़ हैं इस दामन में कितने दाग़ हैं माथे पर हाँ, कितने दाग़ हैं इस दामन में कितने दाग़ हैं माथे पर जो हमको अपना सकते थे सच है, हमें अपनाएँ क्या दाग़ ये दिल ने पाए हैं कैसे उनको हम समझाएँ क्या? पूछ रहे हैं पूछने वाले ♪ जो अपनों की बस्ती थी अब नगरी है बेगानों की जो अपनों की बस्ती थी अब नगरी है बेगानों की कौन यहाँ है सुनने वाला? दिल की बात सुनाएँ क्या? दाग़ ये दिल ने पाए हैं कैसे उनको हम समझाएँ क्या? पूछ रहे हैं पूछने वाले ♪ पत्थर अब क्या फेंक रहे हो? हम पहले से ज़ख्मी हैं हाँ, पत्थर अब क्या फेंक रहे हो? हम पहले से ज़ख्मी हैं दिल पर कितने ज़ख्म लगे हैं छोड़ो, तुम्हें गिनवाएँ क्या दाग़ ये दिल ने पाए हैं कैसे उनको हम समझाएँ क्या? पूछ रहे हैं पूछने वाले