मैं शायर हूँ तो तुम शायरी मैं गहरी साँस हूँ तो तुम ज़िंदगी ♪ मैं 'गर आवाज़ हूँ तो तुम मौसीक़ी मैं जब भी मैं हूँ तो तुम बेख़ुदी दुनिया ये सारी से ज़्यादा हो तुम ख़ुशियों से जोड़े वो धागा हो तुम तुम हो तो राहत है, कम है ये ग़म तुम हो तो ख़ुद से भी ज़्यादा हैं हम तुम हो तो, तुम हो तो रूह है नरम सी तुम हो तो, तुम हो तो पूरे हैं हम भी