Kishore Kumar Hits

Justh - Teri Ore (1st Verse) şarkı sözleri

Sanatçı: Justh

albüm: First Verses


हर शाम को मैं तन्हाई से मिलके आता हूँ,
सूनी राहों में कभी गुलाब उगाता हूँ।
राहें काली हो गई हैं, मंज़िल है सफ़ेद।
जेबें यादें भर रहीं हैं, जेबों में है छेद।
तुमसे मिलता हूँ तो खुद से मिलके आता हूँ।
खुद से बातें करके फिर ख़फ़ा हो जाता हूँ।
मन मेरा क्यों चल रहा, ये राहों से है तेज़।
जेबें यादें भर रहीं हैं, जेबों में है छेद।
मैं चल रहा हूँ,
तेरी ओर,
तेरी ओर।

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