Kishore Kumar Hits

Rauhan Malik - Apna Khaaka şarkı sözleri

Sanatçı: Rauhan Malik

albüm: Apna Khaaka


अपना ख़ाका लगता हूँ
एक तमाशा लगता हूँ
आईनों को ज़ंग लगा
अब मैं कैसा लगता हूँ
अब मैं कोई शख़्स नहीं
उस का साया लगता हूँ
सारे रिश्ते तिश्ना हैं
क्या मैं दरिया लगता हूँ
उस से गले मिल कर ख़ुद को
तन्हा तन्हा लगता हूँ
ख़ुद को मैं सब आँखों में
धुँदला धुँदला लगता हूँ
मैं हर लम्हा इस घर से
जाने वाला लगता हूँ
क्या हुए वो सब लोग कि मैं
सूना सूना लगता हूँ
मस्लहत इस में क्या है मेरी
टूटा फूटा लगता हूँ
क्या तुम को इस हाल में भी
मैं दुनिया का लगता हूँ
कब का रोगी हूँ वैसे
शहर-ए-मसीहा लगता हूँ
मेरा तालू तर कर दो
सच-मुच प्यासा लगता हूँ
मुझ से कमा लो कुछ पैसे
ज़िंदा मुर्दा लगता हूँ
मैं ने सहे हैं मक्र अपने
अब बेचारा लगता हूँ

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