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Asad Amanat Ali Khan - Kal Chaudhwin Ki Raat Thi şarkı sözleri

Sanatçı: Asad Amanat Ali Khan

albüm: Gems Of Asad Amanat Ali Khan


कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा चर्चा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "चेहरा तेरा"
हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम से भी सब, पुछा की ये
हम से भी सब, पुछा की ये
हम हँस दिये, हम चुप रहे
हम हँस दिये, हम चुप रहे
मंज़ूर था, परदा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
इस शहर में, किस से मिलें
इस शहर में, किस से मिलें
हम से तो छूटी महफिलें
इस शहर में, किस से मिलें
हम से तो छूटी महफिलें
हर शख्स, तेरा नाम ले
हर शख्स, तेरा नाम ले
हर शख्स, दीवाना तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "चेहरा तेरा"
कल चौदहवीं की रात थी
कूचे को तेरे छोड़ कर
कूचे को तेरे छोड़ कर
जोगी ही बन जायें मगर
कूचे को तेरे छोड़ कर
जोगी ही बन जायें मगर
जंगल तेरे, पर्वत तेरे
जंगल तेरे, पर्वत तेरे
बस्ती तेरी, सेहरा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "चेहरा तेरा"
कल चौदहवीं की रात थी
बेदर्द सुन्नी हो तो चल
बेदर्द सुननी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
बेदर्द सुननी हो तो चल
कहता है क्या अच्छी ग़ज़ल
आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा
आशिक़ तेरा, रुसवा तेरा
शायर तेरा, इन्शा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "ये चाँद है"
कुछ ने कहा, "चेहरा तेरा"
हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम भी वहीँ, मौजूद थे
हम से भी सब, पुछा की ये
हम से भी सब, पुछा की ये
हम हँस दिये, हम चुप रहे
हम हँस दिये, हम चुप रहे
मंज़ूर था, परदा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी
शब भर रहा, चर्चा तेरा
कल चौदहवीं की रात थी

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