रख साइयाँ नी रख साइयाँ नी रख साइयाँ नी जीवे, अब रखवाला जीवे रख साइयाँ नी जीवे, अब रखवाला जीवे पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग ही ना लिखना गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना कभी कभी आस पास चाँद रहता है कभी कभी आस पास शाम रहती है आयो ना आयो ना, झेह्लम में बेह लेंगे वादी के मौसम भी एक दिन तो बदलेंगे कभी कभी आस पास चाँद रहता है कभी कभी आस पास शाम रहती है आऊँ तो सुबह जाऊं तो मेरा नाम सबा लिखना बर्फ पड़े तो बर्फ पे मेरा नाम दुआ लिखना ज़रा ज़रा आग-वाग पास रेहती है ज़रा ज़रा कांगड़ी की आंच रेहती है कभी कभी आस पास चाँद रहता है (जाने बुझाने) कभी कभी आस पास शाम रहती है (रातें है रातें) रातें बुझाने, तुम आ गए हो जब तुम हस्ते हो, दिन हो जाता है तुम गले लगो तो, दिन सो जाता है डोली उठाये आएगा दिन तो पास बीठा लेना कल जो मिले तो माथे पे मेरे सूरज उगा देना ज़रा ज़रा आस-पास धुप रहेगी ज़रा ज़रा आस-पास रंग रहेंगे ज़रा ज़रा आस-पास धुप रहेगी ज़रा ज़रा आस-पास रंग रहेंगे पूछे जो कोई मेरी निशानी रंग ही ना लिखना गोरे बदन पे ऊँगली से मेरा नाम अदा लिखना कभी कभी आस पास चाँद रहता है कभी कभी आस पास शाम रहती है कभी कभी आस पास चाँद रहता है कभी कभी आस पास शाम रहती है रख साइयाँ नी जीवे, अब रखवाला जीवे रख साइयाँ नी जीवे, अब रखवाला जीवे कभी कभी आस पास चाँद रहता है ला ला ला आस पास शाम रहती है ला ला ला ला ला चाँद रहता है ला ला ला आस पास शाम रहती है हे हे हे हे हम्म हम्म हम्म हम्म