बोलो ना, तुमको क्या मिला रुला के जी मेरा जला के, पल में यूँ भुला के अच्छा था हमको ख़्वाब ना दिखाते बेवजह हँसाते, प्यार ना जताते वो थी यार की महफ़िल, टूटा था जहाँ ये दिल जो थे जान, हो गए हैं बेवफ़ा वो थी यार की महफ़िल, टूटा था जहाँ ये दिल जो थे जान, हो गए हैं बेवफ़ा लबों पे नाम कोई, दिल में कोई चेहरा हो जाता है सबसे उनको प्यार पहला अपने पास वो दिल रख लेते हैं सबका उनकी ख़ासियत है सबसे इश्क़ करना नज़रें मिलाते हो ख़ुद से किस तरह जब देखते हो तुम ये आईना? जाने दो, यारों, वो तो बेवफ़ा थे उनको जाते-जाते क्या ही बददुआ दें वो थी यार की महफ़िल, टूटा था जहाँ ये दिल जो थे जान, हो गए हैं बेवफ़ा वो थी यार की महफ़िल, टूटा था जहाँ ये दिल जो थे जान, हो गए हैं बेवफ़ा दीवानों की महफ़िल थी वो जिसमें जाम से जाम मिले सबकी ज़ुबाँ पे क़िस्से थे, पर सब क़िस्से नाकाम मिले यहाँ करके इश्क़ दुनिया में कब चैन किसी ने पाया है ये पहला ज़हर है दुनिया का जिसे पीकर भी आराम मिले