रातें ये, पूरी हों ना मुलाक़ातें ये आधी-आधी सी बातें अब सुन लो मेरी ज़रा (ज़रा, ज़रा, ज़रा, ज़रा) तुझ से मैं ये कह भी दूँ शायद इस दिल को बहने दूँ क्या तुम्हें भी ऐसा लगता है कि मेरा-तुम्हारा एक ही कहना है? हो गई मैं जोगन सैयाँ, तोहसे मन लागा जो बने तू मोहन सैयाँ, मैं बनूँ राधा चाहती हूँ तुझ को मैं तो खुद से भी ज़्यादा जो बने तू मोहन सैयाँ, मैं बनूँ राधा ♪ मुझ को नसीब से मिला है आ के क़रीब क्यूँ रुका है? तेरे लिए थी मैं अकेली, फ़ासला तू मिटा जाने क्या सोचा था मैंने जैसे तू चाहे वैसी मैं बनूँ आगे तू, पीछे-पीछे मैं चलूँ क्या तुम्हें भी ऐसा लगता है कि मेरा-तुम्हारा एक ही कहना है? हो गई मैं जोगन सैयाँ, तोहसे मन लागा जो बने तू मोहन सैयाँ, मैं बनूँ राधा चाहती हूँ तुझ को मैं तो खुद से भी ज़्यादा जो बने तू मोहन सैयाँ, मैं बनूँ राधा ♪ जो बने तू मोहन सैयाँ, मैं बनूँ राधा