Hey, hey देखो ना तुम मेरी बातों में हो, ओ और जो देखता हूँ मैं उन ख़्वाबों में भी देखो ना तुम मेरी साँसों में हो, ओ जब गाता हूँ मैं तुमको जब भी कभी पेड़ों के जो पत्ते लेहरा रहे हैं उनसे गुजरती मद्धम हवाओं से तुम आसमाँ में जो पंछी उड़ गा रहे हैं उनकी मीठी सरगम आवाज़ों से तुम देखो ना ये जो दुनिया तुम्हारा घर है मैं खिड़की से झाँक के अंदर आने की कोशिश में हूँ देखो ना ये जो दुनिया तुम्हारा घर है किसी रोज़ मैं तुमसे टकराने की कोशिश में हूँ ♪ वो जो सूरज बैठा होगा कहीं सोचता, सोचता तो होगा ना ऐसी क्या दूरी जो इसको दिखे पर मुझे नहीं? चंदा वो बादल हटने पर खोजता, खोजता तो होगा ना ये कौन है जो ताके मुझे पर कुछ कहे नहीं? वो जो सूरज बैठा होगा कहीं सोचता, सोचता तो होगा ना ऐसी क्या दूरी जो इसको दिखे पर मुझे नहीं? चंदा वो बादल हटने पर खोजता, खोजता तो होगा ना ये कौन है जो ताके मुझे पर कुछ कहे नहीं? देखो ना तुम गुमसुम हाथों में हो, ओ सहलाते जो दोनों जभी हैं ये खुद को कभी देखो ना तुम हर निगाहों मे हो, ओ सुकूँ है जहाँ पर उससे भी बड़ी एक प्यारी हँसी ♪ सड़क किनारे जो पत्ते खिल रहे हैं उन तक जो आती किनारों के धारों से तुम बाग़ों जो खुशियाँ फैला रहे हैं पागल से, बुद्धू से उन फव्वारों से तुम सड़क किनारे जो पत्ते खिल रहे हैं उन तक जो आती किनारों के धारों से तुम बाग़ों में जो खुशियाँ फैला रहे हैं पागल से, बुद्धू से उन फव्वारों से तुम देखो ना जहाँ पंछी दाना खाते हैं बस वैसे ही मीठे कबूतर खानों से तुम कूद कर जहाँ बच्चे सिक्के देते हैं अबले में मिलती है नदियाँ वैसे दिल की दुकानों से तुम देखो ना तुम मेरी बातों में हो, ओ और जो देखता हूँ मैं उन ख़्वाबों में भी देखो ना तुम मेरी साँसों में हो, ओ जब गाता हूँ मैं तुमको जब भी कभी ये राहें हैं मेरी, सकरा हाँ, थोड़ा डगर है मैं जानू, तू जानें मुझको जाना किधर है हाँ, ठहरा जब कोई भागा जाता जो मन है जब ताकूँ मैं बाहर, ढूँढूँ निशा किधर है तुम्हारी आवाज़ को मैं हाला की ना ही सुनूँ और ना ही दिखे वो मुस्काता चेहरा जैसे मेरे होने ना होने में नहीं है अब तू बसा अभी तो मुझको चलनी है राहें कई