Kishore Kumar Hits

Omar Mukhtar - Jia şarkı sözleri

Sanatçı: Omar Mukhtar

albüm: Ram Pam Para


धुआँ उड़ा है ना जाने कहाँ से
मेरी गली में यूँ उड़ता लहरा के
तेरी खुशबू है उसमें यूँ समाई
जो लगते तो धड़कन मेरी यूँ थम जाती
ये प्रेम पत्र आया है, तेरे ही घर से आया है
नाम उस का माही है, उसका ही जादू हावी है
मेरी ज़ुबाँ पे तू ही है, हर साँस में तू ही हे
मेरे होंठों की प्यास जो है
वो प्यास मेरी बुझा, ओ रे पिया
ये दिल तेरा हो गया
तू मेरी सुबह की रोशनी
और रातों का वो चाँद
तेरी साँसों की गर्मी खींचे मुझे तेरे पास
और तेरी मधम सी आँखे कर दे मुझे बेक़रार
ओ रे जिया, ओ माहिया
हो, रे जिया, ओ माहिया
वो लम्हा जो गुज़रा तेरे ही ख़यालों में
वो शामें जो बीती तेरी ही बाहों में
वो आँखों मैं आँखें यूँ डाल के जब देखना
और शर्मा के तेरा मेरे सीने मे यूँ छुपना
ये कैसा हमारा ये प्यार है
शरम-वरम का ना लिहाज़ है
तू मेरी और मैं तेरा
और बाकी क्या अब ये जहाँ है
सारी दुनिया में एक तू है
हुस्न जिसका जैसे इक हूर है
नहीं जीना इस दुनिया में
ले जा तू मुझे, ओ रे पिया
ये दिल तेरा हो गया
तू मेरी सुबह की रोशनी
और रातों का वो चाँद
तेरी साँसों की गर्मी खींचे मुझे तेरे पास
और तेरी मधम सी आँखे कर दे मुझे बेक़रार
ओ, माहिया, ओ, माहिया
ओ, माहिया, ओ, माहिया
ओ, माहिया

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