क्या कहें क्या मिला मिलने से यूँ आपके पहले जो ना था, वो आया आने से सुकूँ आपके Mmm, इतनी सी अर्ज़ है, है इतनी सी आरज़ू संग हों शामें, मैं हर सुबह संग उठूँ आपके मेरी बाँहों के तकिए सिरहाने ही रखिए सितारों की चादर तले करे दिल दिल से बातें, ये ख़्वाबों के ज़रिए रात-भर रात ये ना ढले, ना ढले ♪ दिल में मेरे ये बात आई है यूँ ही ना अपनी दो राहें मिल आईं हैं हमसफ़र बनके, क्यूँ ना सफ़र करके चलिए देख लें हाँ, वादियों में, कभी-कभी पहाड़ों पे कभी समंदर के बहते किनारों पे जानी-अंजानी, हाँ, लिखें कहानी हम भीगी रेत पे मेरी बाँहों के तकिए सिरहाने ही रखिए सितारों की चादर तले, hmm करे दिल दिल से बातें, ये ख़्वाबों के ज़रिए रात-भर रात ये ना ढले, ना ढले