एक रंग में रंगना था तुझे मुझमें रहना था था अनकहा जो वादा तेरा ये कैसा सा मोहभंग, पिया? अभी थी राज़ी मैं, अभी दंग, पिया ना वापस जाऊँ कारी-कारी आँखें हारी मन पे ही पत्थर, हद भारी तूने तोड़ा ये भरम संग-संग चले थे हम था क्या तेरा इरादा? तेरा ये कैसा अनूठा ढंग, पिया? क्यूँ तोड़ा तूने प्यार का मेरे मृदंग, पिया? तेरा ये कैसा सा मोहभंग, पिया? अभी थी राज़ी मैं, अभी दंग, पिया