Kishore Kumar Hits

Vivek Prakash - Om Jai Jagdish şarkı sözleri

Sanatçı: Vivek Prakash

albüm: Parampara


ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
(ॐ जय जगदीश हरे)
(स्वामी जय जगदीश हरे)
(भक्त जनों के संकट)
(दास जनों के संकट)
(क्षण में दूर करे)
(ॐ जय जगदीश हरे)

जो ध्यावे फल पावे, दुख बिन से मन का
(स्वामी दुख बिन से मन का)
सुख सम्पति घर आवे
(सुख सम्पति घर आवे)
कष्ट मिटे तन का
(ॐ जय जगदीश हरे)
मात-पिता तुम मेरे शरण गहूँ मैं किसकी
(स्वामी शरण गहूँ मैं किसकी)
तुम बिन और ना दूजा
(तुम बिन और ना दूजा)
आस करूँ जिसकी
(ॐ जय जगदीश हरे)

तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी
(स्वामी तुम अन्तर्यामी)
पारब्रह्म परमेश्वर
(पारब्रह्म परमेश्वर)
तुम सब के स्वामी
(ॐ जय जगदीश हरे)
तुम करुणा के सागर, तुम पालन कर्ता
(स्वामी तुम पालन कर्ता)
मैं मूरख खलकामी
(मैं मूरख खलकामी)
कृपा करो भर्ता
(ॐ जय जगदीश हरे)

तुम हो एक अगोचर, सब के प्राण पति
(स्वामी सब के प्राण पति)
किस विधि मिलूँ दयामय
(किस विध मिलूँ दयामय)
तुमको मैं कुमति
(ॐ जय जगदीश हरे)
दीन-बन्धु दुख-हर्ता, तुम ठाकुर मेरे
(स्वामी तुम ठाकुर मेरे)
अपने हाथ उठाओ
(अपने हाथ उठाओ)
द्वार पड़ा तेरे
(ॐ जय जगदीश हरे)

विषय-विकार मिटाओ, पाप हरो देवा
(स्वामी पाप हरो देवा)
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ
(श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ)
सन्तन की सेवा
(ॐ जय जगदीश हरे)
तन, मन, धन जो कुछ है सब कुछ है तेरा
(स्वामी सब कुछ है तेरा)
तेरा तुझको अर्पण
(तेरा तुझको अर्पण)
क्या लागे मेरा
(ॐ जय जगदीश हरे)
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
भक्त जनों के संकट
दास जनों के संकट
क्षण में दूर करे
ॐ जय जगदीश हरे
(ॐ जय जगदीश हरे)
(स्वामी जय जगदीश हरे)
(भक्त जनों के संकट)
(दास जनों के संकट)
(क्षण में दूर करे)
(ॐ जय जगदीश हरे)
(ॐ जय जगदीश हरे)
(ॐ जय जगदीश हरे)

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