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Julius Packiam - Kabul Fiza şarkı sözleri

Sanatçı: Julius Packiam

albüm: Kabul Express


ये सफ़र, ये इम्तिहाँ
बेज़ुबाँ मेरी दास्ताँ
जीने का ये है फ़लसफ़ा
ग़म में भी ख़ुशियों की सदा है यहाँ
जाने ख़ुदा, ना जाने ख़ुदा
ये जो हुआ क्या जाने ख़ुदा?
खोई सी है यहाँ सब की दुआ
काबुल फ़िज़ा, ये है काबुल फ़िज़ा
लम्हों में जीने का निशाँ
ख़्वाबों में ढूँढें आशियाँ
हर एक नज़र, हर एक दिल है तन्हा
सोई हुई आँखों का सपना है यहाँ
जाने ख़ुदा, ना जाने ख़ुदा
ये जो हुआ क्या जाने ख़ुदा?
खोई सी है यहाँ सब की दुआ
काबुल फ़िज़ा, ये है काबुल फ़िज़ा

ख़ुदा के बंदे हम
ख़ुदा के सज्दे में गुम
ख़ुदा की रहमत की गुण
गाते हैं हम और तुम
हो, ख़ुदा की महफ़िल में आ
ख़ुदा को अपना बना
देख कैसे ख़ुदा अपनाए तुझ को
काफ़िर से इंसाँ खोया कहाँ?
तेरी ज़मीं, तेरा जहाँ है यहाँ
काबुल फ़िज़ा, ये है काबुल फ़िज़ा
देखो ज़रा, ये है काबुल फ़िज़ा
तेरी ज़मीं, तेरा है जहाँ
काबुल फ़िज़ा, ये है काबुल फ़िज़ा
जाने ख़ुदा, ना जाने ख़ुदा
ये जो हुआ क्या जाने ख़ुदा?
खोई सी है यहाँ सब की दुआ
काबुल फ़िज़ा, ये है काबुल फ़िज़ा

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