Kishore Kumar Hits

Kabir Cafe - Fakiri - The Dewarists, Season 4 şarkı sözleri

Sanatçı: Kabir Cafe

albüm: Fakiri (The Dewarists, Season 4)


इंसान के रहिम राम के आगे
ईश्वर के हर नाम के आगे
भक्तों के काफ़िर के आगे
शुन्य प्रथम आख़िर के आगे
हो खड़ा रे कबिर पहने अपनी ग़रीबी
सीना ठोके छाणता है अपनी फक़ीरी
दुनिया का भय नहीं बोले सच्ची बोली रे
छिनेगा क्या कोई उससे खाली उसकी झोली रे?
बड़ी ताकत है ग़रीबी में
जो सुख पायो राम भजन में, हो
जो सुख पायो राम भजन में
जो सुख पायो राम भजन में
वो सुख नाही अमीरी में, हो-हो
वो सुख नाही अमीरी में
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
मन लागो मेरो यार फक़ीरी में
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
मन लागो मेरो यार फक़ीरी में
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
आख़िर ये तन ख़ाख़ में मिलेगा, हो
आख़िर ये तन ख़ाख़ में मिलेगा
आख़िर ये तन ख़ाख़ में मिलेगा
क्यों फ़िरै मग़रूरी में, हो-हो?
क्यों फ़िरै मग़रूरी में?
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
मन लागो मेरो यार फक़ीरी में

Some call me a beggar
Some say I'm a saint
Some say I'm the light
Some say I'm the way
Form is for the novice
Names they are for fools
Look everywhere but you'll never find me
'Cause I, was always you!
I, was always you!
कहे कबीर सुनौ भई साधो
कहे कबीर सुनौ भई साधो
कहे कबीर सुनौ भई साधो
साहिब मिलेगा सबुरी में, हो-हो
साहिब मिलेगा सबुरी में
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
मन लागो मेरो यार फक़ीरी में
मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
मन लागो मेरो यार फक़ीरी में
हो, मन लागो मेरो यार ग़रीबी में
हो, मन लागो मेरो यार फक़ीरी में
हो मन

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