Kishore Kumar Hits

Kabir Cafe - Sunta Nahi Dhun Ki Khabar şarkı sözleri

Sanatçı: Kabir Cafe

albüm: Panchrang


सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
कासी गया और द्वारिका तीरथ सकल भरमत फिरै
कासी गया और द्वारिका तीरथ सकल भरमत फिरै
गाँठे न खोली कपट की
गाँठे न खोली कपट की
तीरथ गया तो क्या हुआ
सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता

गाँजा अफीम और पोसता
भाँगे और सराबें पीवता
गाँजा अफीम और पोसता
भाँगे और सराबें पीवता
इक प्रेम रस चाखा नहीं
इक प्रेम रस चाखा नहीं
अमली बना तो क्या हुआ
सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता
काजी किताबैं बांच कर मसले सुनावे और को
काजी किताबैं बांच कर मसले सुनावे और को
महरम नहीं उस हाल से
महरम नहीं उस हाल से
काजी बना तो क्या हुआ
मंदिर झरोखे रावटी गुल चमन में रहते सदा
मंदिर झरोखे रावटी गुल चमन में रहते सदा
कहते कबीर सही गलत में
कहते कबीर सही गलत में
बाहर क्या फिरता डोलता
इस मन में मंदिर बाजता
बाहर सुने तो क्या हुआ
इस मन में मंदिर बाजता
बाहर सुने तो क्या हुआ
सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
सुनता नहीं धुन की खबर
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता
अनहद का बाजा बाजता

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