पलकों से बहती हैं ये अश्कों में डूबी चाहतें खोजे मन दार दार कबसे मिलती नहीं है रहते हैं भिखरे भीखरे से पढ़े हैं नज़र के सामने कैसे थमुन इनहे हैं जो टूटे हुए ख़्वाब मेरे, अधूरे हो ना सकें जो पूरे सेहमे हुए हौसले हैं रूठी हुई मंज़िलें हैं देखे जो ख्वाब थे मैंने खुद से ये मुझको गिले हैं ढूँढले हुए ये रास्ते सपनों की दुनिया जहान थी वीरान वो सारा जहान है चाहत के लम्हे थे कल जो ज़खमों के आज निशान है टूटे हैं खुद से वास्ते गमगीन सी सरगोशियां ये तन्हायों में न जाने क्या मुझे कह गई सूने से दिल के ये कमरे में कुछ नहीं पर हां बेकरारी सी रह गई है, जल रहा ख्वाबों का कारवां सेहमे हुए हौसले हैं रूठी हुई मंज़िलें हैं देखे जो ख्वाब थे मैंने खुद से ये मुझको गिले हैं ढूँढले हुए ये रास्ते सपनों की दुनिया जहान थी वीरान वो सारा जहान है चाहत के लम्हे थे कल जो ज़खमों के आज निशान है टूटे हैं खुद से वास्ते