मैं रास्ता भटक गया मैं चाहता ना जो हुआ वो है, क्यूँ है ख़फ़ा तू? जो चाहा वो ना मिल सका जो पास था वो ही जुदा अब है, क्यूँ है जुदा तू? चेहरे पे हँसी तो थी ग़म तो छुप गया निगाहों में कह ना सका तुम्हें कभी कि दर्द ही है भरा ये बाँहों में ♪ सभी ही थे, कोई ना था वो शोर में कहीं हुआ चुप मैं, क्यूँ चुप हुआ मैं? मैं जीते-जी ना जी सका चल रहा हूँ, पर थमा हूँ मैं, कहाँ थमा मैं? ज़िंदगी कुछ है खुशी कुछ है ग़म, जो सह रहा हूँ मैं क्या करूँ, ना है पता तो बस यूँ दूर कहीं चला हूँ मैं, bye ♪ चला हूँ मैं