कारोबार दिल का सीखा है तुमसे मैंने, ओ, जानाँ आशियाँ है या है तू फ़रिश्ता मेरा, बता ना ख़ाहमख़ाह मिलना होता है तुमसे मेरा, ओ, जानाँ ये ही सच है या है कोई सपना मेरा ना जाना क्यूँ? ♪ दिन अब मेरे लगते हैं सारे अलग से (लगते हैं सारे अलग से) जो चल दिए साथ में हम-तुम फ़लक पे कारोबार दिल का सीखा है तुमसे मैंने, ओ, जानाँ आशियाँ है या है तू फ़रिश्ता मेरा, बता ना ख़ाहमख़ाह मिलना होता है तुमसे मेरा, ओ, जानाँ ये ही सच है या है कोई सपना मेरा ना जाना क्यूँ? ♪ तेरी ही हूँ, तेरी ही बन के रहूँ मैं फ़ासले हों, उनको मिटा के कहूँ मैं कारोबार दिल का सीखा है तुमसे मैंने, ओ, जानाँ आशियाँ है या है तू फ़रिश्ता मेरा, बता ना ख़ाहमख़ाह मिलना होता है तुमसे मेरा, ओ, जानाँ ये ही सच है या है कोई सपना मेरा ना जाना क्यूँ? कारोबार दिल का सीखा है तुमसे मैंने, ओ, जानाँ आशियाँ है या है तू फ़रिश्ता मेरा...