रुका हूं मैं यहां वजह तुमको पता आजा देहलीज पार मैं करूंगा इंतजार इस दिल के ख्वाइशें तू कभी ना जान सके इस दिल का दर्द भी तू कभी ना सुन सके अब जाना है मुझे इक लंबा सा सफर पर रोके मेरे दिल तड़पते दर्द से मेरे दिल का क्या करू जिसकी आदत तुम बनी जो हंसता भी नहीं जब तुम पास है नहीं आंखे कहती है जो तू ना कह सके अब जाना ही नहीं तो रुकते क्यों नहीं ना जाओ मुझसे दूर तेरे बिन मैं हूं अधूर ज़िन्दगी है बोहोत रंग जब तू हो मेरे संग।