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Swasti Mehul - Micchami Dukkadam Kshama Paryushan şarkı sözleri

Sanatçı: Swasti Mehul

albüm: Micchami Dukkadam Kshama Paryushan


मन प्रेम-पुष्प से भर लेना
मेरी बोली, मेरी करनी से
या क्रोध कभी आ जाने से
भूल हुई व्यवहार में जो
या दुख पहुॅंचा अनजाने से
दिल के सारे द्वार खोल के
माफ मुझे तुम कर देना
सबसे क्षमा और सबको क्षमा
आपस में भी कर लेना
मन प्रेम-पुष्प से भर लेना
ओ, मन प्रेम-पुष्प से भर लेना
क्रोध भाव आ जाने से
मन अशांत जो हुआ कभी
कहे-सुने अवशब्द जो मैंने
भूल समझना उन्हें सभी
बैर भाव और मान त्याग
मन प्रेम-पुष्प से भर लेना
सबसे क्षमा और सबको क्षमा
शुद्ध हृदय से कर देना
मन प्रेम-पुष्प से भर लेना
(मन प्रेम-पुष्प से भर लेना)
हैं वीरों का ये अलंकार
पल में सब कुछ ये सुलझाएं
स्वस्ति महके जग में उसकी
जो भाव क्षमा का अपनाएं
अनजाने में जो ठेस लगी
मन सोच-सोच फिर पछताएं
सबको क्षमा और सबसे क्षमा
आओ फिर से हम मुस्काएं
मन प्रेम-पुष्प से भर जाएं
मन प्रेम-पुष्प से भर जाएं

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