चुप चुप सा हो जाता क्यों मैं कुछ कह नहीं पाता चुप चुप सा हो जाता क्यों मैं कुछ कह नहीं पाता तू है तू है पल पल तू है तू है तू है हर पल तू है पल पल तुझको जो सुनना है कह नहीं पाता चुप चुप सा हो जाता क्यों मैं कुछ कह नहीं पाता धीमी धीमी रातों में ख़्वाबों के मकानों में तू रहे सहमी-सहमी चाहत में हर हंसी की आहट में तू रहे धीमी धीमी रातों में ख़्वाबों के मकानों में तू रहे सहमी-सहमी चाहत में हर हंसी की आहट में तू रहे तू है तू है हर पल तू है पल पल तुझको जो सुनना है कह नहीं पाता चुप चुप सा हो जाता क्यों मैं कुछ कह नहीं पाता चुप चुप सा हो जाता क्यों मैं कुछ कह नहीं पाता तू है तू है पल पल तू है तू है तू है हर पल तू है पल पल तुझको जो सुनना है कह नहीं पाता