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Amartya Bobo Rahut - Shaam Simti (Acoustic) şarkı sözleri

Sanatçı: Amartya Bobo Rahut

albüm: Shaam Simti (Acoustic)


तेरे बिन ये घर तनहा सा
तेरे बिन बिस्तर भी बड़ा सा
तेरे बिन खिड़की है सूनी
तेरे बिन जैसे वक़्त रुका सा है
तेरे बिन हर बात है बोझल
तेरे बिन वीराना है दिल
तेरे बिन पर्दे भी चुप हैं
तेरे बिन आँखों में छाया धुंआ सा है
हर कोने बैठी ख़ामोशी रोई तो हसी आई
आहट तेरी आती रहती पर तू ही नहीं आई
कभी बूँदें
कभी लहरें
भीगे कोई बारिशों में तो लगता है के तुम हो
शाम सिमटी
कोने में खड़ी
कहीं कोई बात उलझी सी है
ढूंढूं बेवजह, जीने की वजह
शाम सिमटी
कोने में खड़ी
कहीं कोई रात उतरी सी है
ढूंढूं बेवजह, जीने की वजह
लिपटी है रातों से करवटें
बिखरी है यादों में सिलवटें
सिरहाने तेरी खुशबू है
गुमसुम सा लम्हा है खोया खोया
आंसू ये तारे हैं चाँद रोया
टूटी चूड़ी से जुड़ी तू
कभी ये सुबह
कभी ये हवा
क़दमों के रेत पे
जो निशान हैं वो तुम हो
शाम सिमटी
कोने में खड़ी
कहीं कोई बात उलझी सी है
ढूंढूं बेवजह, जीने की वजह
शाम सिमटी
कोने में खड़ी
कहीं कोई रात उतरी सी है
ढूंढूं बेवजह, जीने की वजह

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