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Deepak Pandit - Mujhe Kisi Se Pyar Nahin (feat. Papon) şarkı sözleri

Sanatçı: Deepak Pandit

albüm: Mujhe Kisi Se Pyar Nahin (feat. Papon)


"Manoj, कुछ नया लिखा? सुनाओ"
Jagjit जी ने अपनी कड़कती हुई आवाज़ में कहा
और मैं सोच में पड़ गया कि ग़ज़ल के इस बादशाह को
कौन सी ग़ज़ल पेश करूँ
ख़ैर, मन में जो पहली ग़ज़ल आई, पढ़ दी
Jagjit जी ध्यान से सुनते रहे, ग़ज़ल ख़त्म हुई
और उन्होंने अपनी diary मेरी तरफ़ बढ़ा दी
इस पर लिख दो, ये ग़ज़ल मैं record करूँगा
Recording से पहले ही
वो हमेशा के लिए ख़ामोश हो गए
जो Jagjit Singh कभी गा नहीं पाए
वो ग़ज़ल उनके चाहने वालों के हवाले
आप के हवाले

मुझे किसी से प्यार नहीं है, आँखें मगर सवाली हैं
मुझे किसी से प्यार नहीं है, आँखें मगर सवाली हैं
कुछ दिन से लगता है जैसे...
कुछ दिन से लगता है जैसे शामें ख़ाली-ख़ाली हैं
मुझे किसी से प्यार नहीं है, आँखें मगर सवाली हैं

गिन के बता सकता हूँ, कितने पत्थर पाँव में चुभते हैं
गिन के बता सकता हूँ, कितने पत्थर पाँव में चुभते हैं
उसके शहर की सारी गलियाँ...
उसके शहर की सारी गलियाँ मेरी देखी-भाली हैं
मुझे किसी से प्यार नहीं है, आँखें मगर सवाली हैं

अश्कों का सैलाब बदन की दीवारें भी तोड़ गया
अश्कों का सैलाब बदन की दीवारें भी तोड़ गया
बड़े जतन से तेरी यादें...
बड़े जतन से तेरी यादें मैंने आज सँभाली हैं
मुझे किसी से प्यार नहीं है, आँखें मगर सवाली हैं
कुछ दिन से लगता है जैसे शामें ख़ाली-ख़ाली हैं

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