Kishore Kumar Hits

Bhupen Hazarika - Sham Dhali Ban Mein şarkı sözleri

Sanatçı: Bhupen Hazarika

albüm: Mil Gayee Manzil Mujhe


शाम ढली बन में, महकी हवा
शाम ढली बन में, महकी हवा
धीरे से तुमने क्या है कहा?
सुन के ये मन झूमे मेरा
शाम ढली बन में, महकी हवा
महकी हवा, महकी हवा

गुनगुन सुरों से गूँजे बसेरे
पंछी जब गाए
सोई थी मन में क्या जाने कब से
जागी वो आशाएँ
हमको तुम जो मिल गए
फूल कितने खिल गए
मन के आँगन में
शाम ढली बन में, महकी हवा
धीरे से तुमने क्या है कहा?
सुन के ये मन झूमे मेरा
शाम ढली बन में, महकी हवा
महकी हवा, महकी हवा

बलखा के चलती इठलाती नदियाँ
खेले किनारे से
पानी पे झुकती फूलों की डाली
करे इशारे से
जाने तुम हो क्यूँ गुमसुम
पास आ के हमको तुम
बाँध लो बंधन में
शाम ढली बन में, महकी हवा
धीरे से तुमने क्या है कहा?
सुन के ये मन झूमे मेरा
शाम ढली बन में, महकी हवा
महकी हवा, महकी हवा

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