भीगी हुई है रात, मगर जल रहे हैं हम होने लगी बरसात, मगर जल रहे हैं हम भीगी हुई है रात, मगर जल रहे हैं हम होने लगी बरसात, मगर जल रहे हैं हम ♪ सीने में कैसा दर्द है? होंठों पे कैसी प्यास है? सीने में कैसा दर्द है? होंठों पे कैसी प्यास है? कैसे बताएँ हम तुम्हें? अनजाना एहसास है तुम हो हमारे साथ, मगर जल रहे हैं हम होने लगी बरसात, मगर जल रहे हैं हम भीगी हुई है रात, मगर जल रहे हैं हम ♪ बैठे तो है जान-ए-अदा चाहत के साए तले बैठे तो है जान-ए-अदा चाहत के साए तले फिर भी है क्यूँ बेचैनियाँ? ये वक़्त क्यूँ ना ढले? है शबनमी मुलाक़ात, मगर जल रहे हैं हम होने लगी बरसात, मगर जल रहे हैं हम भीगी हुई है रात, मगर जल रहे हैं हम होने लगी बरसात, मगर जल रहे हैं हम