Kishore Kumar Hits

Suyyash Rai - Fitrat şarkı sözleri

Sanatçı: Suyyash Rai

albüm: Fitrat


क्या कहूँ तुम्हें, तुम मेरी हो
तुम मेरी हो, तुम मेरी हो
इक पल भी तुम दूर जाते हो
डर लगने लगता है हम को
कभी-कभी सोचता हूँ के मैं तुम को
मेरी बाँहों में भर लूँ हमेशा के लिए
मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है
मेरी रूह में है तू, क्या करूँ?
मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है
मेरी रूह में है तू, क्या करूँ? क्या करूँ?

खोया रहता हूँ मैं, खोया रहता हूँ मैं
तुझ में ही, हर दफ़ा
खोया रहता हूँ मैं, खोया रहता हूँ मैं
तुझ में ही, हर दफ़ा
तेरी ही बातों में, ख़यालों में मैं उलझा रहता हूँ
करता रहता हूँ मैं खुद से ये सवाल
क्या लौट आओगे घर पे फिर से?
आओगे, सीने से लगाओगे हम को, दिल से?
हाए, अपना बनाओगे?
हम से कभी ना जाओगे दूर
क्या लौट आओगे घर पे फिर से?
क्या लौट आओगे घर पे फिर से?
क्या अपना बनाओगे फिर से?
क्या अपना बनाओगे?

मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है
मेरी रूह में है तू, क्या करूँ?
मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है
मेरी रूह में है तू, क्या करूँ?
(मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है)
(मेरी रूह में है तू, क्या करूँ?)
(मेरी फ़ितरत बदल रही है, मेरी हसरत बदल रही है)
(मेरी रूह में है तू, क्या करूँ?)
क्या करूँ?

Поcмотреть все песни артиста

Sanatçının diğer albümleri

Benzer Sanatçılar