Kishore Kumar Hits

Suyyash Rai - Ghalat şarkı sözleri

Sanatçı: Suyyash Rai

albüm: Aakhiri Mulaqaat


ये रात बड़ी ही ग़लत है
इसकी बातों में ना आना
ये चाँद बड़ा ही ग़लत है
इससे ना आँखें मिलाना
तुम नींदों से रख लेना वास्ता
अकेले मुझे चलना रास्ता
जब हार के सुबह मैं सोऊँगा
तुम सपनों में मेरे आ जाना
जब हार के सुबह मैं सोऊँगा
तुम सपनों में मेरे आ जाना

जब से हुए हैं तुम से जुदा
रिश्ते नींदों से ठीक नहीं
जब से हुए हैं तुम से जुदा
रिश्ते नींदों से ठीक नहीं
आँख लगे तो तुम दिखते हो
आते मगर नज़दीक नहीं
अब कैसे करे ये दिल हौसला?
कोई कैसे चले इतना फ़ासला?
जब हार के वापस चल दूँगा
तुम पीछे-पीछे आ जाना
जब हार के सुबह मैं सोऊँगा
तुम सपनों में मेरे आ जाना
तुझे ज़हन-ओ-दिल में उतार रखा है मैंने
याद भी आ जाए तो मुलाक़ात सी लगती है

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