Kishore Kumar Hits

Anuv Jain - Riha şarkı sözleri

Sanatçı: Anuv Jain

albüm: Riha


रेत पे पैरों से तेरे निशाँ मेरे दिल पर
लोगों की लहरों सी, हाय
बातों से मिटेंगे कब तक
हो जाना तू रिहा मेरे
हो जाना तू रिहा मेरे
ना होना चाहूँ मैं
ना हो सकूँ कभी

तस्वीरों में मुस्कुराहट थी
अब मेरे चेहरे पे है क्यूँ नहीं, ये पूछते
इन ग़ैरों को है समझ नहीं कोई
तस्वीरों में तुम भी खड़ी थे
मिस्री सी ये यादें सँभली पड़ी
तुम बिन में मेरे हो
तू है नूर सा नूर ही है अलग
तू ऐसे मेरा है जाँ
लहर सी आजा मेरे
मेरी निंदियों में तुम ऐसे हो
बंद पलकों तले
तुम हर एक पल मेरे पास हो
तू है नहीं, तू है मगर
तू है नहीं, मैं कौन हूँ
तू है परिंदों सा यूँ उड़ चला
बिन तेरे बता मैं कौन हूँ?
नींदों में गुलिस्ताँ है
तेरा-मेरा ही है ये आशियाना
रातों में तारों से
यूँ टूट कर मेरे तू लौट आना
रह जाना तू यहाँ मेरे
रह जाना तू यहाँ मेरे
जब तक मिलूँ नहीं
तारों में मैं कहीं

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