फ़िज़ूल की ये बातें करते हो क्यूँ? कल क्या होगा, सोच के डरते हो क्यूँ? आज को जियो, थोड़ी सी rum पियो और डाल दो उसमें गर्म पानी बस इतनी सी कहानी बस इतनी सी कहानी ♪ हफ़्ते, महीने, फिर साल हो गए देखते ही देखते बड़े हम हो गए पहले दब गए पढ़ाई के बोझ में नौकरी के फिर यूँ ग़ुलाम हो गए अरे, जी लो थोड़ा सा, अरे, पी लो थोड़ा सा कितनी बची है अब जवानी? बस इतनी सी कहानी बस इतनी सी कहानी यार हों कमीने तो ज़िंदगी हसीं है वो ज़िंदगी ही क्या, जहाँ दोस्ती नहीं है? मेरे लिए मेरे यार हैं खड़े यार नहीं, सिर्फ़ मेरे भाई हैं बड़े थोड़ी शराब दूँ, थोड़ी सी डाल दूँ सलाद, नमकीन, थोड़ा पानी बस इतनी सी कहानी बस इतनी सी कहानी तू चला गया हमें छोड़कर कहीं पे दे देना पता, दौड़े आएँगे वहीं पे फिर से बेसुरे से थोड़े गाने तो सुना रूठते हैं हम, आके फिर से तू मना आना यार तू, मुझे फिर से मार तू थोड़ी गालियाँ तुझे हैं और सुनानी बस इतनी सी कहानी बस इतनी सी कहानी बस इतनी सी कहानी