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Kamaal Khan - Mujhpe Bhi Jawani (Remix) şarkı sözleri

Sanatçı: Kamaal Khan

albüm: Pyaar Kiya To Darna Kya - Remix


हे, मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
उम्र मस्तानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं

लगा के सुरमा आँखों में
पहन के गजरा बालों में
कभी जो मैं ठुमका मारूँ
तो शोर मचे दिलवालों में
लोगों की दीवानी आई है
लोगों की दीवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
हाँ, उम्र मस्तानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं

टुकुर-टुकुर देखे मुझ को
मेरी अदा का रसिया है
नज़र मिला के चोरी से
कहे मेरा मन बसिया है
इतनी बेईमानी आई है
इतनी बेईमानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
इतनी बेईमानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
उम्र मस्तानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
उम्र मस्तानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
मुझपे भी जवानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं, ओेए
उम्र मस्तानी आई है
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं
कि आग लगेगी कहीं ना कहीं

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