Kishore Kumar Hits

Pankaj Udhas - Dard Seene Se Utha şarkı sözleri

Sanatçı: Pankaj Udhas

albüm: Niklo Na Benaqab (Vol. 1)


दर्द सीने से उठा, आँख से आँसू निकले
दर्द सीने से उठा, आँख से आँसू निकले
रात आई तो ग़ज़ल कहने के पहलू निकले
दर्द सीने से उठा, आँख से आँसू निकले
रात आई तो ग़ज़ल कहने के पहलू निकले
दर्द सीने से उठा

दिल का हर दर्द यूँ शेरों में उतर आया है
दिल का हर दर्द यूँ शेरों में उतर आया है
जैसे मुरझाते हुए फूलों से ख़ुशबू निकले
जैसे मुरझाते हुए फूलों से ख़ुशबू निकले
रात आई तो ग़ज़ल कहने के पहलू निकले
दर्द सीने से उठा

जब भी बिछड़ा है कोई शख़्स, तेरा ध्यान आया
जब भी बिछड़ा है कोई शख़्स, तेरा ध्यान आया
हर नये ग़म से तेरी याद के पहलू निकले
हर नये ग़म से तेरी याद के पहलू निकले
रात आई तो ग़ज़ल कहने के पहलू निकले
दर्द सीने से उठा

ग़ज़ब का मक़्ता' पेश-ए-ख़िदमत है
मक़्ता' वो शेर होता है...
मक़्ता' is a couplet जिसमें शा'इर का नाम होता है
Mumtaz Rashid इस ग़ज़ल के शा'इर हैं
अश्क उमड़ें तो सुलगने लगी पलकें, Rashid
अश्क उमड़ें, उमड़ें, उमड़ें
अश्क उमड़ें तो सुलगने लगी पलकें, Rashid
ख़ुश्क पत्तों को जलाते हुए जुगनू निकले
ख़ुश्क पत्तों को जलाते हुए जुगनू निकले
रात आई तो ग़ज़ल कहने के पहलू निकले
दर्द सीने से उठा, आँख से आँसू निकले
दर्द सीने से उठा
दर्द सीने से उठा

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