Kishore Kumar Hits

Silk Route - Paheli şarkı sözleri

Sanatçı: Silk Route

albüm: Boondein


दुनिया पहेली या सवाल है?
उलझा-उलझा सा ख़्याल है

हर शय यहाँ जैसे राज़ है
पढ़ना चाहो तो किताब है

दुनिया पहेली या सवाल है?
उलझा-उलझा सा ख़्याल है
देखा है क्या इसका चेहरा कभी?
पल-पल ये करवट बदलती है क्यूँ?
लम्हों की साँचों में ढलती है क्यूँ?
ना जानूँ मैं, ना जाने तू

कहीं जन्मों से प्यासी रेत है
कहीं बिन कहे बरसात है

कोई लहरों के साथ बह रहा
कोई साहिल पे बेक़रार है

मैं ढूँढू बीते दिनों के निशाँ
मिलता नहीं एक पल भी यहाँ
उलझा हुआ हूँ मैं जाने कहाँ
किसे ख़बर? किसे पता?
ये राज़ क्या है ना जाना
समझा ना कोई इसे
नज़रों का धोका है या है कोई
धुआँ, धुआँ, धुआँ

दुनिया पहेली या सवाल है?
उलझा-उलझा सा ख़्याल है

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