बग़िया-बग़ियाबालक भागे तितली फिर भी हाथ ना लागे इस पगले को कौन बताए? ढूँढ रहा है जो तू जग में कोई जो पाए तो मन में ही पाए सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना ♪ ऐसी डगर कोई अगर जो अपनाए हर राह के वो अंत पे रस्ता ही पाए धूप का रस्ता जो पैर जलाए मोड़ तो आए, छाँव ना आए राही जो चलता है, चलता ही जाए कोई नहीं है जो कहीं उसे समझाए सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना (नैना रे, नैना रे) (नैना रे, नैना रे) ♪ दूर ही से सागर जिसे हर कोई माने पानी है वो या रेत है, ये कौन जाने? जैसे कि दिन से रैन अलग है सुख है अलग और चैन अलग है पर जो ये देखे वो नैन अलग है चैन है तो अपना, सुख है पराए सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना सपनों से भरे नैना तो नींद है ना चैना सपनों से भरे नैना-नैना-नैना-नैना, नैना रे सपनों से भरे नैना-नैना-नैना-नैना-नैना-नैना सपनों से भरे नैना-नैना-नैना-नैना-नैना नैना, नैना