सूरज मेरी खिड़की से जो है झाँकता किरणों को जैसे मिल गया है रास्ता हँसती हुई आ गईं वो, ओ-ओ कमरे में जितनी नींद थी, सब उड़ गई उम्मीद जाते-जाते वापस मुड़ गई लौट आई है फिर यहीं वो, ओ-ओ जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया? ♪ दुनिया ही बदलने को है, ज़िंदगी सँवरने को है जाने क्यूँ ये मुझको है लगा लचकी है जो दिल की डाली, कलियाँ अब हैं खिलने वाली हौले-हौले पास आ के धीमे से गाएँ हवाएँ जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया? ♪ सच बारी-बारी हो रहे सब ख़्वाब हैं पंछी उड़ानें भरने को बेताब हैं आँखों में है आसमाँ, ओ-ओ-ओ रेशम के जैसी नरमी है हर बात में उजले हैं दिन और चाँदनी है रात में हर लम्हा है मेहरबाँ, ओ-ओ-ओ जाने ये सब क्या है, जो भी है, नया सा है हैरत में दिल खो गया, ये आज क्या हो गया?