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Farhan Akhtar - Khaabon Ke Parinday şarkı sözleri

Sanatçı: Farhan Akhtar

albüm: Zindagi Na Milegi Dobara


उड़े खुले आसमाँ में ख़्वाबों के परिंदे
उड़े दिल के जहाँ में ख़्वाबों के परिंदे
ओ-हो, क्या पता, जाएँगे कहाँ
खुले हैं जो पर, कहे ये नज़र
लगता है, अब हैं जागे हम
फ़िक्रें जो थीं, पीछे रह गईं
निकले उनसे आगे हम
हवा में बह रही है ज़िंदगी
ये हम से कह रही है ज़िंदगी
ओ-हो-ओ, अब तो जो भी हो सो हो

उड़े खुले आसमाँ में ख़्वाबों के परिंदे
उड़े दिल के जहाँ में ख़्वाबों के परिंदे
ओ-हो, क्या पता, जाएँगे कहाँ
किसी ने छुआ तो ये हुआ
फिरते हैं महके-महके हम
हुई हैं कई बातें नई
जब हैं ऐसे बहके हम
हुआ है यूँ कि दिल पिघल गए
बस एक पल में हम बदल गए
ओ-हो-ओ, अब तो जो भी हो सो हो

रोशनी मिली, अब राह में है इक दिलकशी सी बरसी
हर ख़ुशी मिली, अब ज़िंदगी पे है ज़िंदगी सी बरसी
अब जीना हमने सीखा है
याद है कल आया था वो पल
जिसमें जादू ऐसा था
हम हो गए जैसे नए
वो पल जाने कैसा था
कहे ये दिल कि जा ऊधर ही तू
जहाँ भी ले के जाए आरज़ू
ओ-हो-ओ, अब तो जो भी हो सो हो
जो भी हो सो हो (उड़े)

जो भी हो सो हो (उड़े)

जो भी हो सो हो

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