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Farhan Akhtar - Rangdaari şarkı sözleri

Sanatçı: Farhan Akhtar

albüm: Lucknow Central


ओ, रंगदारी (रंगदारी, रंगदारी)
ज़िंदगी, तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पाई
लम्हा-लम्हा कोशिश की, पर यारी ना हो पाई
ज़िंदगी, तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पाई
लम्हा-लम्हा कोशिश की, पर यारी ना हो पाई
तू लागे मुझे दुश्मन सी, कभी लगे धड़कन सी
जुड़ी-जुड़ी बातें हैं टूटे हुए मन की
तू लागे मुझे दुश्मन सी, कभी लगे धड़कन सी
जुड़ी-जुड़ी बातें हैं टूटे हुए मन की
रंगदारी (रंगदारी...)
रंगदारी-रंगदारी, रंगदारी-रंगदारी
आँखों से ना छूटेगी ख़्वाबों की रंगदारी
रंगदारी-रंगदारी, रंगदारी-रंगदारी
राहों से ना रूठेगी मंज़िल की रंगदारी
रंगदारी (रंगदारी...)

चाहे मुझे तोड़ दे तू, दर्दों में छोड़ दे
मेरी ओर आते हुए रास्तों को मोड़ दे (मोड़ दे, मोड़ दे)
तोहमतें लगा दे, चाहे सर पे इल्ज़ाम दे
कर दे ख़ुदा से दूर, क़ाफ़िरों का नाम दे (नाम दे, नाम दे)
ये ख़्वाहिशें हैं पागल सी, आसमाँ के बादल सी
बरसी तो धुल जाएगी रोशनी ये काजल सी
ये ख़्वाहिशें हैं पागल सी, आसमाँ के बादल सी
बरसी तो धुल जाएगी रोशनी ये काजल सी
रंगदारी (रंगदारी...)
रंगदारी-रंगदारी, रंगदारी-रंगदारी
आँखों से ना छूटेगी ख़्वाबों की रंगदारी
रंगदारी-रंगदारी, रंगदारी-रंगदारी
राहों से ना रूठेगी मंज़िल की रंगदारी
ओ, ज़िंदगी, तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पाई
लम्हा-लम्हा कोशिश की, पर यारी ना हो पाई
ओ, ज़िंदगी, तेरे रंगों से रंगदारी ना हो पाई
लम्हा-लम्हा कोशिश की, पर यारी ना हो पाई
रंगदारी (रंगदारी, रंगदारी)

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